FORMULA NO.2
For Diabetes Mellitus

Deficiency of insulin causes Diabetes Mellitus which occurs due to disorder or Pancreas and Spleen. Symptoms of this disease:- Poly Urea, Glyco Urea, Blood Sugar, Vertigo, Body ache, Eyesight weakness, Backache, Joint-pain, General Malaise.
If not treated then it becomes chronical & that causes cardiac diseases, Renal diseases, Hypertension, Decreases the Healing power of wound and converts into unhealed ulcers. The medicinal contents of this formula are very useful for diabetic patients. This medicine cures diabetes and also both Insulin Depended on Diabetes Mellitus (IDDM) and Non-Insulin Depended on Diabetes Mellitus (NIDDM) disorders and improves pancreatic functioning and normalizes the blood sugar values and makes the body healthy.
MEDICINE QUANTITY IS CONFIDENTIAL.

मधुमेह ( शुगर ) डायबिटीज

जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्त र बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
और यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।
पिछले कुछ समय में भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। यहां तक कि आज के दौर में बच्चे से जवान और बुढ़ापे तक लेकर व्यस्क हर कोई इसकी चपेट में आ रहा है। आलम यह है कि भारत को विश्व की डायबिटीक कैपिटल के रूप में जाना जाता है। डायबिटीज देखने में यह समस्या भले ही आम हो, लेकिन इसके कारण व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां होती है। तो चलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि वास्तव में मधुमेह क्या है मधुमेह जिसे लोग डायबिटीज के रूप में भी जानते हैं, वास्तव में चयापयच संबंधी बीमारियों का एक समूह है, जिसमें लंबे समय तक रक्त शर्करा का स्तर उच्च होता है। जब शरीर में पैनक्रियाज नामक ग्रंथि इंसुलिन बनाना बंद कर देती है तो व्यक्ति मधुमेह पीडि़त होता है। इंसुलिन ही रक्त में ग्लूकोज को नियंत्रित करने का काम करता है। आमतौर पर मधुमेह दो प्रकार का होता है। टाइप 1 डायबिटीज में लक्षणों का विकास काफी तेजी से होता है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज में लक्षणों का विकास बहुत धीरे−धीरे होता है और लक्षण भी काफी कम हो सकते हैं। डायबिटीज की समस्या वंशानुगत हो सकती है। वैसे आजकल खराब लाइफस्टाइल व खानपान की गलत आदतों के कारण भी व्यक्ति मधुमेह की गिरफत में आ रहा है।
  डायबिटीज की पहचानें और लक्षण क्या है?

मधुमेह ग्रस्त व्यक्ति को बार−बार पेशाब आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में इकट्ठा हुआ शुगर पेशाब के रास्ते बाहर निकलता है। गर्मी के मौसम में पानी की अधिक प्यास अधिक लगती है। लेकिन अगर आपको बार−बार पेशाब आ रहा है और पानी की प्यास कुछ आवश्यकता से अधिक लगती है तो यह मधुमेह का संकेत है।
लगातार भूख लगना जो व्यक्ति मधुमेह पीडि़त होता है, उसकी भूख सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा काफी अधिक होती है। उसे बार−बार भूख लगती है और वह हरदम कुछ खाना चाहता है।
 
वजन कम होना
मधुमेह की एक पहचान यह है कि जब व्यक्ति इसकी चपेट में आता है तो उसका वजन तेजी से कम होने लगता है। वैसे थॉयराइड होने पर भी व्यक्ति का वजन तेजी से बढ़ता या घटता है। ऐसे में टेस्ट करवा लेना अच्छा विचार है।
 
आंखों में धुंधलापन
मधुमेह का विपरीत प्रभाव आंखों पर भी देखने को मिलता है। ऐसे व्यक्ति की नजर कमजोर हो जाती है और उसे धुंधला नजर आने लगता है।
 
अत्यधिक थकावट
अधिक मेहनत करने पर थकान होना सामान्य है, लेकिन अगर आपको अकारण ही थकान का अहसास हो रहा है या फिर पूरी नींद लेने और आराम करने के बाद भी आप थका हुआ महसूस कर रहे हैं तो इससे यह मधुमेह का संकेत है।
 
घाव का जल्द ठीक न होना
हर व्यक्ति के शरीर में यह क्षमता होती है कि चोट लगने पर वह कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन मधुमेह पीडि़त व्यक्ति के शरीर की यह क्षमता धीरे−धीरे कम होती जाती है। जिसके कारण हल्की सी चोट लगने पर भी वह जल्द ठीक नहीं होती। कई बार तो चोट लगने पर वह घाव में तब्दील हो जाती है।
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खुजली या त्वचा रोग
मधुमेह के कारण व्यक्ति को स्किन में खुजली होती है या वह कई तरह के त्वचा रोगों से ग्रस्त हो जाता है।
सिरदर्द
लगातार सिर में दर्द होना भी मधुमेह के शुरूआती लक्षणों में से एक है।

खाली पेट शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

क्या है नॉर्मल रीडिंग: आमतौर पर जो लोग पूरी तरह स्वस्थ होते हैं और जिन्हें डायबिटीज की परेशानी नहीं होती, उनमें नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल 70-99 मिलीग्राम / डीएल के बीच होता है। बता दें कि ब्लड शुगर का ये स्तर फास्टिंग में होता है, यानि कि व्यक्ति आठ घंटे या उससे अधिक समय से भूखा होता है।
और खाना खाने के आधा घण्टे बाद ये मात्रा बढ़कर 110-140 तक हो जाती है।
डायबिटीज होने के कारण क्या है?

मधुमेह कैसे होता है

जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है।

इन उत्तराखण्ड की सर्वश्रेष्ठ औषधियों को सेवन करने से डायबिटीज रोग को हमेशा के लिए नष्ट करके जीवन में कभी दवाई या बाहर से इंसुलिन लेने की आवश्यकता नहीं होगी। धात्यअग्नि (पैंक्रियाज) की कमजोरी नष्ट करके हमेशा के लिए शरीर को स्वस्थ बनाए रखेगा

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