FORMULA NO.3
For Gnaecologlcal Problems

Leucorrhea, Metrorrhea, Menstruation disorder, Dysmenorrhea, General Malaise, Weakness, Pale Face, Burning Sensation in the hands and feet, Cardiac Weakness, Constipation, Joint Pains. Distorted Vata causes dysmenorrhea. Big belly due to deposition of fat. The medicinal contents of this formula are very useful in these problems. This medicine removes these problems and generates fresh blood, regulates the menstruation. During
Pregnancy it is very useful and delivery occurs normal, at proper time, no pale face, anemia after delivery. If not treated these ladies problems develop into Psychiatric problems like Hysteria, Hypertension, Hyperacidity, Piles etc. This formula removes all Gynaecological problems and makes the body healthy.
MEDICINE QUANTITY IS CONFIDENTIAL.

स्त्री रोग

यह एक हार्मोनल सिंड्रोम है, जो कि आपकी अंडाशयों की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है। पी.ओ.सी तब होता है, जब हॉर्मोन व्यवस्था असंतुलित होने लगती है, जिससे ओव्यूलेशन अनियमित हो जा महिलाओं को प्रभावित करता है।”

पी.ओ.सी के लक्षण
इस बीमारी की सबसे बड़ी पहचान में से एक है अचानक से वजन का बढ़ना, माहवारी अनियमित हो जाना, चेहरे पर मुंहासे निकलना और साथ ही गंजापन होना। पी.ओ.सी से प्रभावित महिलाओं के शरीर पर बाल भी अधिक बढ़ने लग जाते हैं। यह हर महिला में अलग-अलग हो सकती है। ये सभी समस्या महिलाओं में बहुत आम हैं और यही वो कारण है जिससे इस बीमारी का पता चलता है। इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण है कि लगभग 10 में से पांच फीसदी महिलाओं को पी.ओ.सी. के कारण मधुमेह, उच्च, रक्तचाप, हृदय रोग और बांझपन का खतरा हो जाता है।

इस बीमारी का वास्तविक कारण ज्ञात नहीं हैं मगर कहा जाता है कि ये हेरिदिटी होता है यानि यह बीमारी परिवार से मिलती है। शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन का सामान्य से उच्च स्तर होना भी पी.ओ.सी से जोड़ा जाता है।

ल्यूकोरिया को महिलाएं न करें नजरअंदाज

ल्यूकोरिया या लिकोरिया औरतों को होने वाला एक रोग है, जिसे श्वेत प्रदर भी कहते हैं। इस रोग से ग्रस्त महिला की योनि से बहुत ज्यादा मात्रा में सफेद बदबूदार पानी निकलता है, जिसे वेजाइनल डिस्चार्ज कहते हैं। इस परेशानी की वजह से महिला का शरीर दिन-ब-दिन कमजोर होने लगता है। इस रोग को हम कोई बीमारी नहीं कह सकते। यह एक तरह का योनि इंफैक्शन और प्रजनन अंगों में सूजन की निशानी है जो अन्य कई रोगों को न्योता देती है। 

भारतीय महिलाएं इस समस्या की आम शिकार हैं, जिसका एक बड़ा कारण उनकी हिचकिचाहट है। शर्म के चलते वह इस समस्या पर खुलकर बातचीत नहीं कर पाती या फिर नॉर्मल बात समझ कर टाल-मटोल कर देती हैं। इस प्रॉब्लम के बढ़ने से योनि या गर्भाश्य ग्रीवा से श्लेष्मा (बलगम) निकलने लगता हैं जो शरीर को कमजोर करने लगता है। 

कारण

वैसे यह इंफैक्शन प्राइवेट पार्ट की सफाई न रखने से होती है। इसके अलावा ज्यादा उपवास, अश्लील बात-चीत, रोगग्रस्त पुरुष से संबंध बनाने, इंटरकोर्स के बाद योनि को साफ न करना, अंडरग्रामैंट गंदे व रोज न बदलने, यूरीन के बाद योनि को पानी से न धोने या बार-बार गर्भपात करवाना भी इसके प्रमुख कारण है। सफेद पानी का एक और कारण प्रोटिस्ट है जोकि एक सूक्ष्म जीवों का समूह है। 

लिकोरिया के लक्षण

  • शरीर पर असर
  • हाथों, पैरों और कमर में दर्द
  • पिंडलियों में खिंचाव  
  • योनि और उसके आस-पास वाली जगह पर खुजली
  • शरीर में कमजोरी और थकान 
  • सुस्ती पडऩा, चिड़चिड़ापन, शरीर में सूजन या भारीपन
  • चक्कर आना 

उत्तराखण्ड की इन औषधियों का सेवन करने से महिला का शरीर रोग मुक्त हो जाता है

आयुर्वेद फार्मूला चिकित्सा योग्यता संवैधानिक है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Ayurvedic Uttarakhand | Best Ayurvedic Formulas