FORMULA NO.17
For Gas Trouble and Hyperacidity

For Gas Trouble and Hyperacidity
All types of food, we eat propel stomach by oesophageal peristaltic movement. Due to distorted vats, such food material remains undigested and remain in the stomach for a long time & get decomposed and develop hyperacidity and gas. Symptoms like:- Abdominal distortion, weakness in intestine mobility, intake food remains undigested, Dysentry develops, Hepatitic disorder, oesophageal and Retrosternal burning, Regurgitation, Reflux, Restlessness, Palpitation, Headache, burning sensation of an eye, Abdominal pain, Hyperacidity, Enteritis, Gastric ulcers etc. If  these are not treated, then more serious problems like blood pressure,
Jaundice etc. develop. The medicinal contents of this formula are very useful in all gastric problems and improve the digestion and make the body healthy.
THE METHOD AND QUANTITY OF TAKING MEDICATIONS CONFIDENTIAL.

पेट रोग, गैस ट्रबल और अम्लपित्त

पेट में गैस
इसे पेट या आंतों की गैस और पेट फूलना के रूप में भी परिभाषित किया जाता है, यह एक अपशिष्ट गैस होती है जो पाचन के दौरान बनती है। यह गैस आम तौर पर गुदा (anus) से होते हुऐ कई बार गंध और आवाज के साथ बाहर निकलती है।
पेट में अधिक गैस कई बार हवा निगल लेने के कारण होती है। इसके अलावा, बिना पचे ही खाद्य पदार्थों का निकलना, लेक्टोज ना पचा पाना और कुछ खाद्य पदार्थों का कुवअवशोषण (malabsorption) भी इसके मुख्य कारणों में से एक हैं।
ज्यादातर गैस खाद्य पदार्थों में माइक्रोबियल ब्रेकडाउन (microbial breakdown) से होती है, उदारण के लिए हाइड्रोजन (hydrogen), कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसे गैस बनने लगती हैं। गंध अन्य अपशिष्ट गैसों या यौगिकों से निकलती है।
इसके लक्षणों में पेट से गैस निकलना, डकार लेना, पेट फूलना और पेट में दर्द व बेचैनी आदि शामिल हैं।
अधिक गैस निकलना कोई आपात चिकित्सा स्थिति नहीं पैदा करती, हालांकि इसको जल्द से जल्दी आयुर्वेदिक राजवैद्य जी या डॉक्टर से चेक करवा लेना चाहिए क्योंकि पेट की गैस के साथ कुछ अन्य लक्षण भी जुड़ सकते हैं। जिनमें शामिल है,

पेट में गंभीर ऐंठन

दस्त (डायरिया)

कब्ज

मल में खून आना

बुखार (और पढ़ें – बुखार में क्या खाना चाहिए?)

मतली और उल्टी 

दाहिने तरफ पेट में दर्द और फूलना

पेट की गैस का निदान आम तौर पर मरीज की पिछली दवाईयों या खाद्य पदार्थों के सेवन की जानकारी और उसका शारीरिक परिक्षण लेकर किया जाता है। वैसे ज्यादातर मामलों में टेस्ट आदि लेने की जरूरत नहीं पड़ती, मगर जरूरत पड़ने पर आयुर्वेदिक राजवैद्य जी या डॉक्टर द्वारा मरीज की सांसों और अधोवायु (गैस का मलाशय से निकलना) आदि का विश्लेषण किया जा सकता है।


पेट में गैस के लक्षण
Stomach Gas Symptoms

पेट में अत्यधिक गैस होने के लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

गैस निकलने में वृद्धि या बार-बार गैस आना

बदबूदार गैस बनना

बार-बार डकार आना

पेट फूलना (या सूजन) (और पढ़ें – पेट फूलने की समस्या से अगर छुटकारा चाहते हैं तो जरूर करें ये उपाय)

पेट में दर्द और बेचैनी

पेट की अत्यधिक गैस आम तौर पर कोई गंभीर स्थिति पैदा नहीं करती, लेकिन मेडिकल जांच जल्दी होनी चाहिए अगर मरीज में पैट गैस के साथ ये निम्न लक्षण भी दिखने लगें

पेट में गंभीर ऐंठन

डायरिया

कब्ज

मल में खून आना

बुखार

उल्टी और मतली

पेट की दाहिनी तरफ दर्द

पेट में गैस के कारण
Stomach Gas Causes

पेट में गैस क्यों बनती है​?
ज्यादा खाना खाने, धूम्रपान करने, चूइंगम चबाने या सामान्य मात्रा से ज्यादा हवा निगलने से उपरी आंतों में अत्याधिक गैस बन सकती है। निचली आंतो में गैस बनने का कारणों में मुख्य रूप से निम्नलिखित हैं,

ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन जिनको पचाने में कठिनाई हो

गैस का कारण बनने वाले भोजन का सेवन

कॉलन (आंत्र संबंधी) में पाए जाने वाले बैक्टीरिया का विघटन

इनसे अन्य भंयकर रोग आदि भी बन सकता है।
इन उत्तराखण्ड फार्मूला की औषधियों सर्वश्रेष्ठ सामग्री को सेवन करने से सभी पेट के रोगों को नष्ट करके पाचन शक्ति को बढा कर तन्दुरुस्ती कायम रखेगा

चिकित्सा योग्यता संवैधानिक है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Ayurvedic Uttarakhand | Best Ayurvedic Formulas